अमरावती क्राइम ब्रांच पर गंभीर आरोप
अमरावती / जिला संवाददाता
अमरावती शहर की क्राइम ब्रांच की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पूर्व पुलिस अधिकारी एवं उद्योगपति नितिन नागवराव मोहोड ने इस शाखा पर अवैध धंधों को संरक्षण देने और खंडणी जैसे गंभीर मामलों में फंसे अधिकारी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का आरोप लगाया है।मोहोड ने सीधे पुलिस आयुक्त, अमरावती को लिखित शिकायत दी है, जिसमें क्राइम ब्रांच की अनियमितताओं की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि खंडणी प्रकरण में फंसे अधिकारी को क्राइम ब्रांच का प्रमुख बनाना पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा को धक्का है।

शिकायत के प्रमुख आरोप
मटका और जुआ अड्डों को संरक्षण: शहर में कई जगह खुलेआम मटका और जुए के अड्डे चल रहे हैं, लेकिन क्राइम ब्रांच की ओर से कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाती।गुटखा व्यापार पर माफिया का कब्जा: महाराष्ट्र में गुटखा बिक्री प्रतिबंधित होने के बावजूद अमरावती में बड़े पैमाने पर बिक्री जारी है। जावेद नामक व्यक्ति को गुटखा व्यापार की पूरी मक्तेदारी मिली है।अवैध शराब का कारोबार: दारू की दुकानों, अंडा गाड़ियों और ढाबों पर अवैध शराब की बिक्री और खुलेआम शराब सेवन हो रहा है।बूटलेगिंग (देशी शराब की बिक्री): राजापेठ और बडनेरा स्टेशन के वाइन शॉप्स से रोज सैकड़ों पेटियां देशी शराब बेचे जाने का आरोप।गैर-कानूनी कार्यालय: फ्रेजरपुरा पुलिस थाने के पास क्राइम ब्रांच का कोई अधिकृत कार्यालय नहीं है, फिर भी वहां चौकशी और दस्तावेजी कामकाज जारी है।गंभीर मामले में आरोपी अधिकारी: क्राइम ब्रांच के पुलिस निरीक्षक संदीप चव्हाण पर एसीबी में मुकदमा चल रहा है। उन पर खंडणी (धारा 384, 385, 389) के तहत केस दर्ज हैं।घरेलू हिंसा का मामला: पत्नी की शिकायत पर अधिकारी दोषी करार दिए गए हैं और उन्हें हर महीने 15 हजार रुपये देने का आदेश हुआ है। इसके बावजूद उन्हें तदर्थ पदोन्नति देकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।मोहोड ने अपनी शिकायत में कहा है कि क्राइम ब्रांच अवैध धंधों को संरक्षण देती है और विरोधियों को झूठे मामलों में फंसाया जाता है। उनका कहना है कि खंडणी प्रकरण में आरोपी अधिकारी का क्राइम ब्रांच का प्रमुख बनना पुलिस विभाग की छवि के लिए बेहद हानिकारक है।शिकायत की प्रतियां पुलिस महानिदेशक, गृह सचिव, गृहमंत्री और भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को भी भेजी गई हैं।
