
पहले दीन 52 विद्यार्थीयों का आँनलाईन प्रवेश
महानुभावों ने माना मुख्यमंत्री फडणवीस का आभार
चांदूर बाजार / तहसील संवाददाता
देश की प्रथम मराठी भाषा विद्यापीठ में कल से पाठ्यक्रम शुरू कर दिया गया है कल कल मराठी भाषा विद्यापीठ के पहले कुलगुरु अविनाश अवलगांवकर ने पदभार संभाला! मराठी भाषा विद्यापीठ को लेकर पीछले पचास वर्षो से अखील भारतीय महानुभाव परिषद की मांग अब पुरी हुई है, मराठी का पहला अध्य ग्रंथ “लीळाचरित्र ” रिध्दपुर में लीखा गया था! रिध्दपुर भारतवर्ष में महानुभाव पंथ की काशी के नाम से जाना जाता है भगवान श्री गोविंद के जन्म स्थान के साथ-साथ कर्म भुमी भी रहा है यही कारण है की आज भी रिध्दपुर में श्री प्रभु चरणांकीत 250 मंदिर मौजूद है ईसी के साथ सैकडों हस्तलिखित ग्रंथ आज भी गोपीराज ग्रंथालय में मौजूद है!
यही कारण है की मुख्यमंत्रि देवेंद्र फड़णवीस सरकार ने देश की प्रथम मराठी भाषा विद्यापीठ रिद्धपुर में शुरु करने का फैसला लीया!मराठी भाषा विद्यापीठ में कल से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरु कर दी गयी है शुरु कीये गये पदविका पाठ्यक्रम में बि ए मराठी(भाषा और लीपी),जर्मन ,रुसी,अंग्रेज़ी, बी• पी• ए (नाटक और रंगमंच)बी• पी •ए (संगीत)बीटीटीएम(पर्यटन और यात्रा प्रबंधन)बी•ई एम ( पर्यावरण प्रबंधन)स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में एम• ए• मराठी समाज भाषा विज्ञान और बोली विज्ञान, मराठी शास्त्रीय भाषा और साहित्य मनोविज्ञान भूगोल प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण सहित एम• पी• ए संगीत के अलावा मराठी भाषा में शिक्षक के माध्यम से कई व्यावसायिक अवसर भी पाठ्यक्रम के माध्यम से उपलब्ध करवाए जाएंगेपदविका पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए किसी भी भाषा में 12वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक होंगा! यह जानकारी मराठी भाषा विद्यापीठ के प्रथम कुलगुरु डॉ अविनाश आवलगांवकर ने दी!
■इस अवसर पर अखिल भारतीय महानुभाव परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष महंत कारंजेकर बाबा,महंत नागराज बाबा, महंत गोपीराज बाबा ,महंत वाईनदेशकर बाबा ,महंत कृष्णराज बाबा,ई श्री राघवेंद्र दादा बिडकर सुभाष पावडे ने मराठी भाषा विद्यापीठ के प्रथम कुलगुरु डाॅ अविनाश अवलगांवकर का पुष्प गुच्छ देकर भव्य सत्कार किया !इस समय प्रा डॉ सुनीता सांगोले ,डॉ केशव तुपे (कुलसचिव) ,डाॅ यशपाल गुळदे( लेखा अधिकारी), राम राठौर( प्रशासकीय अधिकारी ),सतीश मानकर (स्वीय सहायक), सुजाता आसुलकर, वैशाली झेले, अतुल पडोळे, राजू स्वर्गीय, आयुष नंदूरकर, उज्जवल कूचे साहिल नृवारे मौजुद थे !